Saturday, June 30, 2012

Zendagi Migzara

जीवन चलता ही रहता है!
जीवन चलता ही रहता है!

कुछ मृत सपनों की लाश लिए,
फिर भी मन में उल्लास लिए,
मादक मस्ती में रहता है!

जीवन चलता ही रहता है!

काँटों का प्लावन पैरों में,
अट्टास असुर सी चेहरों में,
बचपन सहमा सा रहता है!

जीवन चलता ही रहता है!

कुछ हिस्से, चिथड़े, कटे, फटे,
कुछ सपने चौदह बाँट बटे,
कल से उत्साहित रहता है!

जीवन चलता ही रहता है !

कभी हो अधम, अस्थिर, असक्त,
कभी युध्भूमि में सींचे रक्त,
साहस बढ़ता ही रहता है!

जीवन चलता ही रहता है !

कभी सत्य स्वरुप लगे शिव सा,
कभी मिथ्या, मोह, याक्षिनी सा,
निरपेक्ष निरंतर रहता है!
 
जीवन चलता ही रहता है!
जीवन चलता ही रहता है!

1 comment:

Archit said...
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